Tuesday, July 10, 2012

Hum hi nahi Dunia se khafa aur bhi hai

अहल -ए -दिल और भी हैं, अहल -ए -वफ़ा और भी हैं
एक हम ही नहीं दुनिया से खफा...और भी हैं
[अहल -ए -दिल = dil vaale;]

क्या हुआ गर मेरे यारों की ज़बानें चुप हैं
मेरे शाहिद मेरे यारों के सिवा और भी हैं
[शाहिद = one who bears witness]

हम पे ही ख़त्म नहीं मसलक -ए -शोरीदासरी
चाक -ए -दिल और भी है चाक -ए -काबा और भी हैं
... [मसलक -ए -शोरीदासरी = rebellious ways; काबा = long gown]

सर सलामत है तो क्या संग -ए -मालामत की कमी
जान बाकी है तो पैकान -ए -क़ज़ा और भी हैं
[संग -ए -मालामत= stones of accusations/reproach]
[पैकान = arrow; क़ज़ा = death]

मुंसिफ-ए -शहर की वहादात पे न हर्फ़ आ जाए
लोग कहते हैं के अरबाब -ए -जफा और भी हैं
[मुंसिफ = judge; वहादात = oneness, unity]
 

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